दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में इस समय मौसम ने अचानक करवट बदल ली है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले कुछ दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। राजधानी में लगातार बढ़ती उमस और बदलते मौसम के बीच यह अलर्ट लोगों को सतर्क करने के लिए दिया गया है। दिल्ली-एनसीआर में भारी बारिश, तेज़ हवाएं और आंधी-तूफ़ान जैसी स्थितियों की संभावना जताई गई है। ऐसे में यह ज़रूरी हो जाता है कि लोग सतर्क रहें और मौसम विभाग की सलाह का पालन करें।
ऑरेंज अलर्ट क्या होता है?
भारत में मौसम विभाग चार तरह के कलर कोड अलर्ट जारी करता है – ग्रीन, येलो, ऑरेंज और रेड।
- ग्रीन अलर्ट: कोई खतरा नहीं, सामान्य स्थिति।
- येलो अलर्ट: मौसम में हल्के बदलाव की चेतावनी, सावधानी बरतने की ज़रूरत।
- ऑरेंज अलर्ट: गंभीर मौसम की संभावना, लोगों और प्रशासन को अलर्ट रहने की ज़रूरत।
- रेड अलर्ट: अत्यधिक गंभीर परिस्थिति, आपात स्थिति जैसी हालत।
दिल्ली और एनसीआर में जारी किया गया ऑरेंज अलर्ट इस बात का संकेत है कि अगले 24 से 48 घंटों के भीतर भारी बारिश और आंधी-तूफ़ान जैसी परिस्थितियां पैदा हो सकती हैं।
क्यों जारी हुआ ऑरेंज अलर्ट?
दिल्ली-एनसीआर में पिछले कुछ दिनों से वातावरण में नमी बनी हुई है। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आ रही हवाओं के कारण मानसूनी गतिविधियां तेज़ हो गई हैं। मौसम विभाग का कहना है कि
- अचानक से तेज़ बारिश हो सकती है।
- कहीं-कहीं 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।
- बिजली गिरने की घटनाएं भी हो सकती हैं।
इस तरह की परिस्थिति लोगों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी को प्रभावित कर सकती है, इसलिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
दिल्ली-एनसीआर में संभावित असर
- यातायात पर असर: भारी बारिश और जलभराव के कारण दिल्ली की सड़कें जाम हो सकती हैं। मेट्रो और बस सेवाओं पर भी इसका असर पड़ सकता है।
- स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें: मौसम में नमी और धूल-मिट्टी की वजह से एलर्जी, सर्दी-जुकाम और बुखार जैसी बीमारियां बढ़ सकती हैं।
- बिजली और इंटरनेट: आंधी-तूफ़ान से बिजली की आपूर्ति बाधित हो सकती है और इंटरनेट सेवाओं पर असर पड़ सकता है।
- दैनिक जीवन पर असर: ऑफिस जाने वाले लोगों और छात्रों को सफर में कठिनाई हो सकती है।
- निर्माण कार्य और खुले क्षेत्र: तेज़ हवाओं के कारण निर्माणाधीन जगहों पर हादसों का खतरा रहता है।
प्रशासन और सरकार की तैयारी
दिल्ली सरकार और स्थानीय प्रशासन ने बारिश और आंधी से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं।
- जलभराव वाले इलाकों में पंप लगाकर पानी निकासी की व्यवस्था की जा रही है।
- पेड़ गिरने की आशंका वाले स्थानों की पहचान की जा रही है।
- आपदा प्रबंधन टीमें अलर्ट मोड पर हैं।
- पुलिस और ट्रैफिक पुलिस को भी अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
लोगों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
मौसम विभाग ने आम जनता से अपील की है कि वे सावधान रहें और कुछ ज़रूरी एहतियाती कदम उठाएं:
- बिना ज़रूरत घर से बाहर निकलने से बचें।
- आंधी-तूफ़ान के दौरान बिजली के खंभों, पेड़ों और खुले स्थानों से दूर रहें।
- बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षित स्थानों पर रखें।
- बारिश के समय पानी भरे इलाकों से गुजरने से बचें।
- मोबाइल पर आने वाले मौसम विभाग के अलर्ट मैसेज को ध्यान से पढ़ें।
किसानों और व्यापारियों पर असर
दिल्ली-एनसीआर के आसपास के इलाकों में किसान भी इस अलर्ट से प्रभावित हो सकते हैं। भारी बारिश से फसलें खराब होने का खतरा रहता है। वहीं सब्ज़ियों और फलों के व्यापारी भी बारिश से होने वाले नुकसान को लेकर चिंतित हैं। परिवहन की समस्या से फल-सब्ज़ियों की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है, जिसका असर बाज़ार के दामों पर भी पड़ सकता है।
जलवायु परिवर्तन और मौसम की अनिश्चितता
विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली-एनसीआर में इस तरह के मौसम की घटनाएं जलवायु परिवर्तन का नतीजा हैं। बढ़ता प्रदूषण, कंक्रीट का जंगल और घटता हरियाली क्षेत्र तापमान और नमी को असामान्य बना देते हैं। यही कारण है कि अचानक आंधी-तूफ़ान और भारी बारिश जैसी घटनाएं अधिक बार देखने को मिल रही हैं।
दिल्ली-एनसीआर में जारी ऑरेंज अलर्ट केवल एक चेतावनी नहीं, बल्कि आने वाले दिनों की कठिन परिस्थितियों का संकेत है। यह ज़रूरी है कि सरकार, प्रशासन और आम नागरिक सभी मिलकर सतर्कता बरतें। भारी बारिश और आंधी से होने वाले खतरों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। सावधानी ही सुरक्षा है। मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करके हम अपने और अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।
ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी हेतु है, अधिक जानकारी के लिए मौसम विभाग के अधिकारिक साइट पर चेक करे.
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