मणिपुर की धरती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा ऐतिहासिक रहा। इंफाल में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने 1,200 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। यह कदम न केवल राज्य की विकास यात्रा को गति देगा बल्कि मणिपुर की समृद्ध संस्कृति और ऐतिहासिक धरोहर को राष्ट्रीय पहचान देने का भी कार्य करेगा।
नई परियोजनाओं से बदलेगा इंफाल का चेहरा
प्रधानमंत्री ने इंफाल में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इनमें मंत्रीपुखरी स्थित सिविल सचिवालय, IT SEZ भवन और नया पुलिस मुख्यालय शामिल हैं। इसके साथ ही दिल्ली और कोलकाता में बने मणिपुर भवन और चार जिलों में महिलाओं के लिए अनूठे “इमा मार्केट” भी इस सूची का हिस्सा रहे।
इन सभी परियोजनाओं का उद्देश्य प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करना, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है। खासकर “इमा मार्केट” महिलाओं के उद्यमशीलता और सशक्तिकरण का बड़ा उदाहरण है।
वीरता और बलिदान को नमन
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर के वीर सपूतों को याद किया। उन्होंने कहा कि आज भी मणिपुर की संतानें देशभर में मां भारती की रक्षा कर रही हैं। हाल ही में हुए “ऑपरेशन सिंदूर” का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान को ऐसा जवाब दिया कि वह त्राहि-त्राहि कर उठा।
प्रधानमंत्री ने शहीद दीपक चिंगाखम के शौर्य को नमन किया और कहा कि उनका बलिदान भारत हमेशा याद रखेगा। यह संदेश न केवल मणिपुर बल्कि पूरे देश के युवाओं को प्रेरित करने वाला है।
नेपाल के साथ रिश्तों पर जोर
अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने नेपाल का भी जिक्र किया। उन्होंने नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री सुशीला जी को पदभार संभालने पर शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल साझा इतिहास, संस्कृति और आस्था से जुड़े हैं और दोनों देश साथ मिलकर प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने इसे महिला सशक्तिकरण का बेहतरीन उदाहरण बताया और नेपाल के लोकतांत्रिक मूल्यों की सराहना भी की।
मणिपुर: भारत का मुकुट रत्न
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मणिपुर हजारों वर्षों से समृद्ध संस्कृति और विरासत का प्रतीक है। उन्होंने मणिपुर को “मां भारती के मुकुट पर सजा मुकुट रत्न” बताया। उन्होंने कहा कि हमें इस राज्य की विकासवादी छवि को और मजबूत करना होगा और हिंसा की घटनाओं को पूरी तरह समाप्त करना होगा।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि हिंसा किसी भी रूप में दुर्भाग्यपूर्ण है और यह हमारे पूर्वजों तथा आने वाली पीढ़ियों के साथ अन्याय है। इसलिए मिलकर मणिपुर को शांति और विकास की राह पर आगे बढ़ाना सभी की जिम्मेदारी है।
स्वतंत्रता संग्राम और मणिपुर की भूमिका
प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि भारत की आजादी की लड़ाई में मणिपुर की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण रही है। उन्होंने कहा कि यही वह धरती थी जहां भारतीय राष्ट्रीय सेना (INA) ने पहली बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। यह क्षण भारत की आजादी की लड़ाई का एक स्वर्णिम अध्याय है।
उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने मणिपुर के महान स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान देने के लिए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में माउंट हैरियट का नाम बदलकर “माउंट मणिपुर” रखा है। यह पूरे देश की ओर से मणिपुर को श्रद्धांजलि है।
विकास और शांति की ओर कदम
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में जोर दिया कि मणिपुर को हिंसा से दूर रखकर शांति और विकास की राह पर ले जाना ही उनका उद्देश्य है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार लगातार पूर्वोत्तर भारत की कनेक्टिविटी, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसर बढ़ाने पर काम कर रही है।
उन्होंने विश्वास दिलाया कि इंफाल की इन नई परियोजनाओं से मणिपुर के युवाओं को नए अवसर मिलेंगे और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का मौका मिलेगा।
इंफाल में प्रधानमंत्री मोदी का दौरा मणिपुर के लिए एक नया संदेश लेकर आया है। यह संदेश है शांति, विकास और समृद्धि का। नई परियोजनाओं के उद्घाटन ने राज्य को एक नई दिशा दी है। साथ ही, वीर सपूतों के बलिदान को याद करके प्रधानमंत्री ने मणिपुर के गौरवशाली इतिहास को सलाम किया।
मणिपुर वास्तव में भारत का मुकुट रत्न है और यह कार्यक्रम इस बात का प्रतीक है कि आने वाले समय में यह राज्य न केवल पूर्वोत्तर बल्कि पूरे देश की प्रगति में अहम योगदान देगा।

