क्या आपकी त्वचा पर अचानक लाल और खुजलीदार दाने निकल आते हैं? अगर हाँ, तो ये पित्ती (Hives) हो सकती है। यह एक आम त्वचा समस्या है, जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है। हर 5 में से एक व्यक्ति अपने जीवन में कम से कम एक बार पित्ती का अनुभव करता है।
पित्ती क्या है?
पित्ती त्वचा पर अचानक उभरने वाले लाल, गुलाबी या त्वचा के रंग के उभरे हुए दाने हैं। ये अक्सर खुजलीदार होते हैं और कभी छोटे-छोटे बिंदु जैसे दिखते हैं तो कभी बड़े धब्बों की तरह फैल जाते हैं।
इनका खास लक्षण है कि यह कुछ घंटों या दिनों में गायब हो जाते हैं और फिर कहीं और निकल आते हैं।
पित्ती होने के कारण
पित्ती आमतौर पर एलर्जी के कारण होती है। जब शरीर किसी एलर्जन (allergen) से संपर्क करता है, तो हिस्टामिन नामक केमिकल रिलीज होता है, जिससे त्वचा पर दाने बनते हैं।
क्या हो सकते है आम कारण
खाने की चीजें – मूंगफली, सीफूड, अंडा, दूध, सूखे मेवे, यीस्ट वाले डेयरी उत्पाद।
दवाएँ – कुछ एंटीबायोटिक और दर्द निवारक दवाएँ।
पर्यावरण – धूप, ठंडी हवा, गर्मी, नमी या अचानक मौसम बदलना।
तनाव और थकान – मानसिक दबाव से शरीर एलर्जिक प्रतिक्रिया देने लगता है।
कीड़े के काटने – मच्छर या अन्य कीड़ों के काटने से भी पित्ती हो सकती है।
पित्ती होने के लक्षण
लाल या गुलाबी उभरे हुए दाने
तेज खुजली और असहजता
दानों का बार-बार आना-जाना
एक जगह से दूसरी जगह फैलना
गंभीर स्थिति में आंख, होंठ या गले में सूजन (Angioedema)
अगर गले या सांस लेने में तकलीफ हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
पित्ती में क्या करें?
- डॉक्टर से सलाह लें – त्वचा विशेषज्ञ की राय ज़रूर लें।
- पानी पिएं और हाइड्रेट रहें – शरीर और त्वचा में नमी बनाए रखें।
- माइल्ड या सुपरफैट साबुन का इस्तेमाल करें – ये त्वचा को सूखा नहीं करते।
- खाने पर ध्यान दें – जिन चीजों से एलर्जी है, उन्हें पूरी तरह से छोड़ दें।
- ढीले और सूती कपड़े पहनें – त्वचा को आराम और हवा मिलती है।
- योग और मेडिटेशन करें – तनाव कम होगा और शरीर मजबूत बनेगा।
- विटामिन से भरपूर आहार लें – फल, सब्जियाँ और पौष्टिक भोजन इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।
पित्ती में क्या न करें?
- खुजली या रगड़ न करें – इससे घाव और संक्रमण हो सकता है।
- बहुत गर्म पानी से स्नान न करें – त्वचा और ज्यादा जल सकती है।
- ज्यादा भारी व्यायाम न करें – पसीना पित्ती को बढ़ा सकता है।
- बिना सुरक्षा धूप में न निकलें – धूप से संवेदनशील त्वचा और बिगड़ सकती है।
- डॉक्टर की सलाह के बिना दवा न लें – गलत दवा लेने से खतरा बढ़ सकता है।
- शराब और कैफीन न पिएं – ये शरीर को डिहाइड्रेट करते हैं।
- संवेदनशील खाद्य पदार्थ न खाएँ – खासकर मूंगफली, सीफूड और सूखे मेवे।
पित्ती से बचाव कैसे करें?
एलर्जी की पहचान करें और उनसे बचें।
हेल्दी और बैलेंस्ड डाइट लें।
रोजाना योग, प्राणायाम या मेडिटेशन करें।
कपड़े हमेशा हल्के और ढीले पहनें।
मौसम बदलने पर खास ख्याल रखें।
पित्ती कोई गंभीर रोग नहीं है, लेकिन यह बेहद परेशान करने वाली समस्या है। यह शरीर का संकेत है कि आपको अपनी जीवनशैली और खानपान पर ध्यान देने की जरूरत है।
सही परहेज़, संतुलित जीवनशैली और डॉक्टर की सलाह से इसे आसानी से काबू किया जा सकता है।
याद रखें पित्ती से डरें नहीं, बल्कि सजग रहें और सही कदम उठाएँ। अगर आपको ये लक्षण दिखाई दे तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करे। ये लेख सिर्फ आपको जागरूक करने के लिए।
ये लेख केवल जानकारी और जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह (Medical Advice) नहीं है। पित्ती या किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या के लक्षण दिखाई देने पर स्वयं दवा न लें। हमेशा योग्य चिकित्सक या स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श करें। इस लेख में दी गई जानकारी पढ़ने के बाद किए गए किसी भी निर्णय या कार्य के लिए लेखक या प्रकाशक जिम्मेदार नहीं होंगे।