कुष्ठ रोग जिसे अंग्रेज़ी में Leprosy कहा जाता है, एक पुराना संक्रामक रोग है। यह रोग मुख्य रूप से त्वचा, नसों और श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। इस बीमारी का कारण Mycobacterium leprae नाम का एक बैक्टीरिया है, जिसे 1873 में वैज्ञानिक गेरहार्ड हैन्सन ने खोजा था। इसलिए इसे हैन्सन रोग भी कहा जाता है। यह बहुत पुराना रोग है, जिसका ज़िक्र आयुर्वेद और पुराने ग्रंथों में भी मिलता है।

कुष्ठ रोग कैसे होता है

कुष्ठ रोग संक्रमित व्यक्ति से सीधे छूने से नहीं फैलता। यह रोग ज़्यादातर लंबे समय तक नज़दीकी संपर्क में रहने, खासकर संक्रमित व्यक्ति की खांसी या छींक से निकलने वाले कणों से फैल सकता है। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग इसमें जल्दी प्रभावित होते हैं। साफ-सफाई की कमी और कुपोषण भी इसके फैलने में सहायक होते हैं।

इसके लक्षण

त्वचा पर सफेद या लाल चकत्ते

सुन्नपन या झनझनाहट महसूस होना

नसों में दर्द या सूजन

हाथ-पैरों की उंगलियों में संवेदनशीलता कम होना

मांसपेशियों की कमजोरी

यदि समय पर इलाज न मिले तो रोगी को स्थायी विकलांगता भी हो सकती है।

इलाज कब से शुरू हुआ

कुष्ठ रोग का सही इलाज बीसवीं सदी के मध्य में संभव हुआ। 1980 के दशक से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मल्टी-ड्रग थेरेपी (MDT) नामक दवा का मुफ्त इलाज शुरू किया, जो आज भी सबसे प्रभावी इलाज है। इस दवा के लगातार सेवन से कुष्ठ रोग पूरी तरह से ठीक हो सकता है और यह आगे नहीं फैलता।

इसमें क्या करें

मरीज को समय पर डॉक्टर को दिखाएं और पूरा इलाज लें।

दवा बीच में कभी न छोड़ें।

साफ-सफाई और पौष्टिक आहार पर ध्यान दें।

परिवार और समाज को जागरूक करें कि यह इलाज योग्य रोग है।

संक्रमित व्यक्ति के साथ सामान्य व्यवहार करें, उसे अलग न करें।

इसमें क्या न करें

लक्षण दिखने पर इलाज में देर न करें।

अधूरी दवा कभी न लें, वरना रोग और गंभीर हो सकता है।

मरीज को छूने से डरें नहीं, लेकिन उसकी छींक-खांसी से बचाव करें।

रोगी से भेदभाव न करें, क्योंकि यह मानसिक पीड़ा को बढ़ा देता है।

कुष्ठ रोग कभी लाइलाज माना जाता था, लेकिन अब इसका सफल इलाज संभव है। यदि समय पर पहचान और सही दवा मिले तो यह रोग पूरी तरह खत्म हो सकता है। आज ज़रूरत है कि समाज इस रोग को लेकर बनी गलत धारणाओं को तोड़े और मरीजों के साथ सम्मान और सहयोग का व्यवहार करे।

ये लेख केवल जानकारी और जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह (Medical Advice) नहीं है। कुष्ठ या किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या के लक्षण दिखाई देने पर स्वयं दवा न लें। हमेशा योग्य चिकित्सक या स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श करें। इस लेख में दी गई जानकारी पढ़ने के बाद किए गए किसी भी निर्णय या कार्य के लिए लेखक या प्रकाशक जिम्मेदार नहीं होंगे।