आज के समय में स्मार्टफोन सिर्फ कॉल या मैसेज करने का साधन नहीं रह गया, बल्कि यह हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। मोबाइल में इंटरनेट बैंकिंग, ऑनलाइन पढ़ाई, सोशल मीडिया, ऑफिस का काम और मनोरंजन – सब कुछ होता है। यही वजह है कि इसकी स्क्रीन सबसे महत्वपूर्ण और संवेदनशील हिस्सा मानी जाती है।
एक छोटी सी गिरावट या तेज़ खरोंच से ही स्क्रीन खराब हो सकती है, जिसकी मरम्मत या बदलवाने में हज़ारों रुपये खर्च हो जाते हैं। इसी समस्या का समाधान है – मोबाइल टेम्पर्ड ग्लास। यह आपके स्मार्टफोन की स्क्रीन के लिए एक मजबूत कवच की तरह काम करता है।
टेम्पर्ड ग्लास क्या है?
टेम्पर्ड ग्लास एक विशेष प्रकार का हीट-ट्रीटेड मज़बूत काँच है, जिसे साधारण ग्लास से कई गुना ज्यादा मज़बूत बनाया जाता है। इसे मोबाइल स्क्रीन प्रोटेक्टर भी कहा जाता है क्योंकि इसका मुख्य उद्देश्य मोबाइल स्क्रीन को नुकसान से बचाना होता है।
साधारण काँच जहां हल्की चोट से भी टूट सकता है, वहीं टेम्पर्ड ग्लास झटकों को सहने की क्षमता रखता है और टूटने पर भी छोटे-छोटे टुकड़ों में बिखरता है, जिससे किसी को चोट नहीं लगती।
टेम्पर्ड ग्लास कैसे बनता है?
टेम्पर्ड ग्लास का निर्माण वैज्ञानिक और तकनीकी प्रक्रिया से होता है। इसमें कई चरण शामिल होते हैं:
- हीटिंग प्रक्रिया – काँच को लगभग 600–650 डिग्री सेल्सियस तक गर्म किया जाता है।
- क्विक कूलिंग (तेज़ ठंडा करना) – गर्म काँच पर अचानक ठंडी हवा छोड़ी जाती है। इस प्रक्रिया से काँच की बाहरी सतह सख्त और अंदरूनी सतह थोड़ी लचीली हो जाती है।
- काँच का चयन और आकार देना – सबसे पहले उच्च गुणवत्ता वाले काँच को मोबाइल स्क्रीन के आकार में काटा जाता है।
- कोटिंग – काँच पर ओलियोफोबिक कोटिंग की जाती है, जिससे उंगलियों के निशान और धूल कम दिखाई देते हैं।
- फिनिशिंग – अंत में इसे पॉलिश कर पारदर्शी और चिकना बनाया जाता है ताकि मोबाइल की स्क्रीन पर सही से फिट हो सके।
टेम्पर्ड ग्लास कैसे काम करता है?
जब मोबाइल गिरता है या उस पर कोई झटका पड़ता है तो टेम्पर्ड ग्लास उस दबाव को खुद झेल लेता है।
- असली स्क्रीन पर सीधा दबाव नहीं पड़ता।
- ज़्यादा झटका लगने पर टेम्पर्ड ग्लास टूट जाता है, लेकिन स्क्रीन को सुरक्षित रखता है।
- इसकी सतह झटके को सोखने वाली परत की तरह काम करती है।
यानी, यह मोबाइल की असली स्क्रीन और बाहरी खतरे के बीच सुरक्षा कवच बन जाता है।
टेम्पर्ड ग्लास के प्रकार
- नॉर्मल टेम्पर्ड ग्लास – साधारण सुरक्षा प्रदान करता है।
- कर्व्ड (2.5D, 3D, 5D) ग्लास – किनारों तक सुरक्षा देता है।
- प्राइवेसी टेम्पर्ड ग्लास – साइड से स्क्रीन देखने पर डिस्प्ले धुंधला हो जाता है।
- एंटी-ब्लू लाइट ग्लास – आंखों को हानिकारक ब्लू लाइट से बचाता है।
- मैट फिनिश ग्लास – गेमिंग और रिफ्लेक्शन कम करने के लिए बेहतर।
टेम्पर्ड ग्लास के फायदे
- स्क्रीन सुरक्षा – गिरने और खरोंच से बचाव।
- सस्ता विकल्प – स्क्रीन रिप्लेसमेंट से कहीं किफायती।
- आसान इंस्टॉलेशन – कुछ ही सेकंड में चिपक जाता है।
- HD क्लैरिटी – स्क्रीन की क्वालिटी और ब्राइटनेस पर असर नहीं।
- लंबी उम्र – सही इस्तेमाल से महीनों तक चलता है।
टेम्पर्ड ग्लास की कमियाँ
- यह 100% सुरक्षा नहीं दे पाता।
- बहुत सस्ता ग्लास स्क्रीन की टच सेंसिटिविटी कम कर सकता है।
- बार-बार टूटने पर बदलना पड़ता है।
भारत में टेम्पर्ड ग्लास का उत्पादन
पहले टेम्पर्ड ग्लास ज़्यादातर चीन और ताइवान से आयात किया जाता था। लेकिन अब भारत में भी इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन होगा।
“मेक इन इंडिया” अभियान केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नोएडा में देश का पहला टेम्पर्ड ग्लास उतपादन कंपनी का उद्घाटन किया।
क्यों ज़रूरी है टेम्पर्ड ग्लास?
- मोबाइल स्क्रीन की कीमत कई हज़ार रुपये होती है।
- रिप्लेसमेंट का खर्च कभी-कभी फोन की आधी कीमत तक पहुँच जाता है।
- टेम्पर्ड ग्लास कुछ सौ रुपये में पूरी स्क्रीन को सुरक्षित कर देता है।
- यह छोटा निवेश लंबे समय में बड़ा फ़ायदा देता है।
मोबाइल टेम्पर्ड ग्लास आज हर स्मार्टफोन यूज़र की ज़रूरत बन चुका है। यह साधारण ग्लास नहीं बल्कि हीट-ट्रीटेड मज़बूत कवच है, जो स्क्रीन को झटकों और खरोंच से बचाता है। भारत में इसका उत्पादन तेज़ी से बढ़ रहा है और आने वाले समय में यह पूरी तरह घरेलू स्तर पर बन सकेगा।
यदि आप चाहते हैं कि आपका स्मार्टफोन लंबे समय तक सुरक्षित और नया जैसा दिखे, तो टेम्पर्ड ग्लास लगाना कभी न भूलें। यह छोटी-सी चीज़ आपके मोबाइल की सबसे महंगी हिस्से यानी स्क्रीन को सालों तक सुरक्षित रख सकती है।
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