आज के समय में स्ट्रीट फूड की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। इनमें मोमोज का नाम सबसे ऊपर आता है। छोटे-छोटे आटे की थैलियों में सब्जियों या मांस का भरावन डालकर स्टीम या फ्राई करके तैयार किए गए मोमोज हर उम्र के लोगों की पसंद बन चुके हैं। खासकर युवाओं और बच्चों में मोमोज को लेकर जबरदस्त क्रेज देखा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह स्वादिष्ट दिखने वाला फूड आपकी सेहत को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचा सकता है?
विशेषज्ञों के अनुसार, मोमोज में इस्तेमाल होने वाले मैदा, MSG (मोनोसोडियम ग्लूटामेट) और तीखी लाल चटनी सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। आइए विस्तार से समझते हैं कि आखिर क्यों मोमोज को रोजाना खाना सेहत के लिए खतरे की घंटी है।
मैदा: धीमे जहर की तरह
मोमोज का बाहरी आवरण बनाने के लिए मैदे का उपयोग किया जाता है। मैदा दरअसल गेहूं के आटे से छाना हुआ बारीक पाउडर होता है, जिसमें से फाइबर और पोषण तत्व लगभग पूरी तरह निकाल दिए जाते हैं।
मैदा पचने में भारी होता है और लगातार खाने से कब्ज़ और पाचन संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।
इसमें मौजूद स्टार्च शरीर में जाकर ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ाता है।
लंबे समय तक मैदा आधारित चीजें खाने से मोटापा, डायबिटीज़ और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
MSG: स्वाद बढ़ाने वाला, लेकिन सेहत बिगाड़ने वाला
मोमोज में स्वाद बढ़ाने के लिए अक्सर MSG (मोनोसोडियम ग्लूटामेट) का इस्तेमाल किया जाता है। इसे “अजीनोमोटो” भी कहा जाता है।
MSG खाने से कुछ लोगों को सिरदर्द, कमजोरी, चक्कर आना और सीने में जलन जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।
लंबे समय तक इसका सेवन कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को बढ़ा सकता है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि MSG से हृदय रोग और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ सकता है।
तीखी लाल चटनी: स्वाद का झटका, पेट की दिक्कत
मोमोज के साथ दी जाने वाली लाल तीखी चटनी स्वाद में भले ही लाजवाब लगे, लेकिन यह आपके पेट और दिल पर बोझ डालती है।
इस चटनी में अक्सर ज्यादा मात्रा में मिर्च, नमक और तेल का प्रयोग होता है।
ज्यादा तीखा खाने से पेट में अल्सर, एसिडिटी और गैस की समस्या हो सकती है।
अधिक नमक का सेवन ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है, जो हार्ट अटैक का कारण बन सकता है।
मोमोज और हार्ट हेल्थ
मैदा, MSG और तीखी चटनी का यह कॉम्बिनेशन खासतौर पर दिल की सेहत के लिए खतरनाक है।
मैदे और MSG से खून में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) और ट्राइग्लिसराइड का स्तर बढ़ता है।
इससे धमनियों में प्लाक जमने लगता है, जो खून का प्रवाह रोक देता है।
लंबे समय तक इसका असर हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और हाई ब्लड प्रेशर के रूप में सामने आता है।
इम्यून सिस्टम पर असर
मोमोज बार-बार खाने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यून सिस्टम भी कमजोर हो सकता है।
इसमें मौजूद तेल, मैदा और MSG शरीर में फ्री रैडिकल्स को बढ़ाते हैं।
ये फ्री रैडिकल्स शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं।
परिणामस्वरूप शरीर संक्रमणों और बीमारियों से लड़ने में कमजोर पड़ जाता है।
बच्चों और युवाओं पर असर
बच्चे और युवा मोमोज के सबसे बड़े शौकीन होते हैं। लेकिन यह आदत उनके स्वास्थ्य के लिए ज्यादा खतरनाक है।
मैदे से बनी चीजें बच्चों के हड्डियों और दांतों की मजबूती कम करती हैं।
MSG का सेवन उनकी मस्तिष्क क्षमता और याददाश्त पर नकारात्मक असर डाल सकता है।
फास्ट फूड की आदत भविष्य में मोटापा और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है।
सुरक्षित विकल्प क्या हैं?
अगर आप मोमोज के शौकीन हैं, तो पूरी तरह छोड़ना मुश्किल हो सकता है। लेकिन आप कुछ हेल्दी विकल्प अपनाकर इस नुकसान से बच सकते हैं:
मैदे की बजाय गेहूं या मल्टीग्रेन आटे से बने मोमोज खाएँ।
भरावन में सब्ज़ियों, पनीर या सोया जैसी हेल्दी चीजें डालें।
तली हुई बजाय स्टीम्ड मोमोज का चयन करें।
तीखी और तेल से भरी चटनी की जगह पुदीना या दही वाली हेल्दी चटनी का सेवन करें।
मोमोज खाने में भले ही लाजवाब हों, लेकिन इसके पीछे छिपे खतरों को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। इसमें मौजूद मैदा, MSG और तीखी चटनी धीरे-धीरे आपके दिल, पाचन तंत्र और संपूर्ण स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डालते हैं।
इसलिए जरुरी है कि मोमोज को रोज़मर्रा की आदत न बनाएं। अगर खाना ही है तो सीमित मात्रा में और हेल्दी विकल्पों के साथ खाएँ। असली खुशी तभी है जब स्वाद के साथ सेहत भी सुरक्षित रहे।
डिस्क्लेमरः ये लेख सिर्फ जानकारी के लिए है, अगर आपको किसी भी तरह के लक्षण दिखाई दे तो अपने चिकित्सक से परामर्श ले।