नई दिल्ली। भारत और मॉरीशस के बीच संबंध हमेशा से ही विशेष माने जाते रहे हैं। ये रिश्ता केवल कूटनीति का नहीं, बल्कि साझा इतिहास, संस्कृति, भाषा और भावनाओं पर आधारित है। हाल ही में मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। यह मुलाकात दोनों देशों की दोस्ती और साझेदारी को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।
इस अवसर पर राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारत और मॉरीशस के संबंध अद्वितीय हैं और इन्हें किसी और रिश्ते से तुलना नहीं की जा सकती। उन्होंने भरोसा जताया कि प्रधानमंत्री रामगुलाम के व्यापक अनुभव और नेतृत्व क्षमता से यह संबंध आने वाले समय में और गहरे और मजबूत होंगे।
ऐतिहासिक संबंधों की जड़ें
भारत और मॉरीशस के रिश्ते केवल औपचारिक नहीं हैं। इनकी शुरुआत सैकड़ों साल पहले हुई जब भारतीय मजदूर मॉरीशस गए और वहां की संस्कृति में अपनी गहरी छाप छोड़ दी। आज मॉरीशस की आबादी का एक बड़ा हिस्सा भारतीय मूल का है, जो हिंदी, भोजपुरी और अन्य भारतीय भाषाओं को संजोए हुए है। यही कारण है कि दोनों देशों के बीच भाषा और संस्कृति के स्तर पर एक प्राकृतिक जुड़ाव है।
हिंदी, भोजपुरी और संस्कृत जैसी भाषाएं मॉरीशस में आज भी जीवित हैं। भारतीय त्योहार जैसे दिवाली, होली और ईद वहां भी उसी उत्साह से मनाए जाते हैं जैसे भारत में। यही सांस्कृतिक साझेदारी दोनों देशों को और करीब लाती है।
मुलाकात के मुख्य बिंदु
राष्ट्रपति भवन में हुई इस मुलाकात में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई।
दीर्घकालिक साझेदारी – राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारत और मॉरीशस का रिश्ता समय के साथ और गहराता गया है। यह संबंध केवल सरकारों के बीच ही नहीं बल्कि जनता के स्तर पर भी मजबूत है।
नेतृत्व का अनुभव – राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री रामगुलाम के लंबे राजनीतिक अनुभव और अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण से द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा मिलेगी।
भविष्य की संभावनाएं – दोनों नेताओं ने सहमति जताई कि आने वाले समय में शिक्षा, व्यापार, तकनीक, पर्यटन और समुद्री सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाया जाएगा।
आर्थिक और व्यापारिक सहयोग
भारत और मॉरीशस के बीच आर्थिक संबंध हमेशा सकारात्मक रहे हैं। मॉरीशस भारतीय निवेश का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। भारत ने कई बार मॉरीशस को वित्तीय मदद और विकास परियोजनाओं के लिए सहायता प्रदान की है।
प्रधानमंत्री रामगुलाम की इस यात्रा में इस पहलू पर विशेष ध्यान दिया गया। चर्चा के दौरान यह बात सामने आई कि भारत की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ योजनाओं के अनुभव से मॉरीशस भी लाभान्वित हो सकता है। वहीं, मॉरीशस के वित्तीय क्षेत्र और पर्यटन में भारत के लिए नए अवसर मौजूद हैं।
शिक्षा और संस्कृति में सहयोग
मॉरीशस के छात्र बड़ी संख्या में भारत की यूनिवर्सिटीज़ और कॉलेजों में पढ़ाई करने आते हैं। भारतीय संस्कृति, संगीत, योग और आयुर्वेद का असर वहां साफ दिखाई देता है।
राष्ट्रपति मुर्मू और प्रधानमंत्री रामगुलाम ने इस बात पर सहमति जताई कि शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को और मजबूत करना चाहिए। भारतीय काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशंस (ICCR) और अन्य शैक्षणिक संस्थानों की मदद से मॉरीशस के युवाओं को भारत से जोड़ने पर बल दिया गया।
सामरिक और समुद्री सुरक्षा
मॉरीशस हिंद महासागर में एक रणनीतिक स्थान पर स्थित है। भारत के लिए यह क्षेत्रीय सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम है। दोनों देशों ने हमेशा मिलकर समुद्री डकैती, तस्करी और अन्य चुनौतियों से निपटने का काम किया है।
मुलाकात में यह सहमति बनी कि भविष्य में भी समुद्री सहयोग को और मजबूत किया जाएगा। भारत ने मॉरीशस को तटीय सुरक्षा और नौसेना के क्षेत्र में लगातार मदद दी है। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी दोनों देश एक-दूसरे का समर्थन करते रहे हैं।
साझा मूल्यों पर जोर
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि भारत और मॉरीशस दोनों लोकतंत्र, शांति और विकास के मूल्यों पर आधारित देश हैं। यही साझा मूल्य उन्हें और करीब लाते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों की जनता का आपसी जुड़ाव इतना मजबूत है कि यह संबंध किसी भी परिस्थिति में कमजोर नहीं हो सकता।
प्रधानमंत्री रामगुलाम की भूमिका
नवीनचंद्र रामगुलाम मॉरीशस के एक अनुभवी और वरिष्ठ राजनेता हैं। वे पहले भी कई बार प्रधानमंत्री रह चुके हैं और उनके पास अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी समझ है। राष्ट्रपति मुर्मू ने इस अनुभव की सराहना करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व से भारत-मॉरीशस की दोस्ती और भी प्रगाढ़ होगी।
रामगुलाम ने भी अपनी ओर से कहा कि भारत हमेशा से मॉरीशस का सच्चा मित्र रहा है। चाहे वह स्वतंत्रता संग्राम का समय हो या फिर आधुनिक विकास की चुनौतियां, भारत ने हर मौके पर मॉरीशस का साथ दिया है।
भविष्य की दिशा
यह मुलाकात केवल औपचारिकता नहीं थी, बल्कि इसमें भविष्य की ठोस योजनाओं पर भी चर्चा हुई। आने वाले वर्षों में दोनों देश इन क्षेत्रों में मिलकर काम करेंगे:
डिजिटल कनेक्टिविटी और टेक्नोलॉजी
पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान
शिक्षा और कौशल विकास
नवीकरणीय ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण
समुद्री सुरक्षा और रक्षा सहयोग
भारत और मॉरीशस का रिश्ता विश्वास और भाईचारे पर आधारित है। राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम की मुलाकात ने इस रिश्ते को और मजबूत करने का काम किया है। दोनों नेताओं ने साफ कहा कि भारत और मॉरीशस के संबंध केवल आज के लिए नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।
इस मुलाकात ने यह संदेश दिया कि चाहे समय कैसे भी बदल जाए, भारत और मॉरीशस की दोस्ती हमेशा कायम रहेगी और आने वाले समय में और गहरी होगी।